ऊपर से दृश्य क्षितिज चित्रमाला थाईलैंड बादल बैंकॉक मनोरम शहर
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रंगों की स्वायत्तता में भी कविता है-x x x x x x x x x x रंग उन रूपकों की तरह हैं जो करते हैं कैन्वास को स्पंदित x x x x x x x x x x x x ………………. ओ रंगों दृश्य क्षितिज रचकर मुझे कविता की ऐसी संगति दो जहां मैं अपनी आत्मा का आरोह-अवरोह सुन सकूं ।